घर वापसी …पक्षियों की … हमारी पंचायत के,आज कल मनुष्यों से खाली पड़े सामुदायिक भवन में …

हम “समुदाय” में पक्षियों को जोड़ना भूल गए थे …प्रकृति को स्मरण रहा ..हमें सबक सिखाना भी …

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